टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि राजनीतिक दल चुनान चिह्न को अपनी संपत्ति घोषित नहीं कर सकते और खराब प्रदर्शन पर चुनाव चिह्न छिन भी सकता है।
हाईकोर्ट ने यह आदेश एकल जज के उस आदेश को चुनौती देने वाली समता पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें शिव सेना (उद्धव गुट) को चुनाव चिह्न के रूप में जलती मशाल मिलने के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। याची ने दावा किया कि जलती मशाल उसका चुनाव चिह्न है और उसने इस चिह्न पर चुनाव लड़ा है।
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने पूर्व में सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारतीय निर्वाचन आयोग के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लेख किया और कहा कि चुनाव चिह्न कोई वस्तु नहीं है और ना ही इससे कमाई होती है।